प्रेस विज्ञप्ति,
रीवा, 31 मई 2025 अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस —
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, शांति धाम, झिरिया एवं रीवा पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पुलिस कंट्रोल रूम, रीवा में अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक विशेष नशा मुक्ति कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यक्रम पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन रीवा श्री गौरव राजपूत जी के निर्देशन में संपन्न हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे पुलिस उप महानिरीक्षक श्री राजेश चंदेल जी, पुलिस अधीक्षक श्री विवेक सिंह जी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती आरती सिंह एवं श्री विवेक लाल, सीएसपी श्रीमती शिवाली चतुर्वेदी एवं श्रीमती रितु उपाध्याय, डीएसपी, एसडीओपी, टीआई, महिला थाना प्रभारी, आरआई, सूबेदार सहित जिले के सभी प्रमुख पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता राजयोगिनी बीके निर्मला दीदी जी रहीं, जिन्होंने अपने प्रभावशाली और गहन अनुभवों के माध्यम से सभा को संबोधित किया। उन्होंने विशेष रूप से यह रेखांकित किया कि नशा केवल एक शारीरिक या सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक कमजोरी का परिणाम होता है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि जब व्यक्ति अपने आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास और आत्म-गरिमा को पहचान लेता है, तब वह सहज ही नशे की आदतों से मुक्त हो सकता है। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया, जहाँ उन्होंने डाकूओं, अपराधियों और गहरे नशे में डूबे लोगों को राजयोग के माध्यम से एक श्रेष्ठ जीवन की ओर मोड़ा और हजारों लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया।
दीदी जी ने यह भी समझाया कि जब व्यक्ति को स्वयं का परिचय मिलता है, वह आत्मा के रूप में अपनी पहचान को स्वीकार करता है, तब उसमें सकारात्मक परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू होती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि समाज में नशा मुक्ति के लिए केवल बाहरी उपचार या दबाव पर्याप्त नहीं होते, बल्कि व्यक्ति की अंदरूनी चेतना को जगाना और उसे आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाना अनिवार्य होता है। उन्होंने राजयोग ध्यान की सरल विधि को समझाते हुए बताया कि किस प्रकार से व्यक्ति अपने मन के कमजोर क्षेत्रों को पहचानकर उन पर विजय पा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरे मनोयोग से इस चर्चा को सुना और उसमें भागीदारी की। सभा में उपस्थित सभी ने यह अनुभव किया कि केवल कानून या सख्ती से नहीं, बल्कि व्यक्ति के भीतर से उसे जागरूक और मजबूत बनाकर ही स्थायी नशा मुक्ति संभव है। इस अवसर पर पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री राजेश सिंह चंदेल जी ने सभा को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी संगठन के इस अद्भुत प्रयास की सराहना की और कहा कि पुलिस परिवार और ब्रह्माकुमारी परिवार मिलकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं। उन्होंने संगठन का आभार व्यक्त किया और आगे भी इस प्रकार के सहयोग और कार्यशालाओं की आवश्यकता बताई।
पुलिस अधीक्षक श्री विवेक सिंह जी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस विभाग अपने स्तर पर हमेशा समाज को सुरक्षित और स्वस्थ रखने का प्रयास करता है, लेकिन ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से जब आध्यात्मिक जागृति की बात आती है, तो उसका प्रभाव कहीं अधिक गहरा और स्थायी होता है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है, जो समाज में हर व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाकर नशे से मुक्ति की राह पर ले जाता है।
इस अवसर पर बीके निर्मला दीदी जी के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया एवं संस्थान का नाम “प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, शांति धाम, झिरिया” है।
ब्राह्माकुमारी संगठन की ओर से दीदी जी को और पुलिस विभाग को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि यह केवल एक औपचारिक कार्यशाला नहीं थी, बल्कि एक ऐसी पहल थी जहाँ व्यक्ति की आंतरिक शक्तियों को पहचानकर उसे जीवन में स्थायी परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया। ब्रह्माकुमारी संगठन नशा मुक्ति को केवल एक स्वास्थ्य या चिकित्सा का विषय नहीं मानता, बल्कि यह मानता है कि जब व्यक्ति अपने नैतिक मूल्य, आत्म-सम्मान, आत्म-गौरव और जीवन के उद्देश्य को पहचान लेता है, तब उसके जीवन में प्राकृतिक रूप से सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं।
संगठन की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि सात दिन की काउंसलिंग केवल एक शुरुआत होती है। उसके बाद भी संबंधित व्यक्ति को लगातार सहयोग, मार्गदर्शन और सम्मानपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा दी जाती है। इसके लिए प्रतिदिन सत्संग, योग की कक्षाएँ और आध्यात्मिक काउंसलिंग की व्यवस्था रहती है, ताकि व्यक्ति अपने नए जीवन पथ पर डगमगाए नहीं, बल्कि निरंतर आगे बढ़े और समाज के लिए एक आदर्श उदाहरण बन सके। यह समर्पित सेवा पूर्णतः निःशुल्क होती है और केवल सेवा-भाव से दी जाती है, जिसमें व्यक्ति को यह अहसास दिलाया जाता है कि वह अपने जीवन का निर्माता स्वयं है और उसमें अद्भुत परिवर्तन की क्षमता निहित है।
कार्यक्रम का समापन आत्मा को सशक्त बनाने की इस यात्रा के प्रति गहरी कृतज्ञता के भाव और भविष्य में इसे और आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ हुआ। इस अद्भुत आयोजन में पुलिस विभाग, ब्रह्माकुमारी संगठन और समाजसेवी संस्थाओं के समन्वय से यह संदेश स्पष्ट रूप से समाज के सामने आया कि नशा केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है, यह पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है, और जब सभी मिलकर ईमानदारी से इस दिशा में प्रयास करते हैं, तो बड़े से बड़े बदलाव भी संभव हैं।
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